Saturday, October 3, 2009

बोलता नहीं, करता हूं


यह बात एकदम सच है कि राजनीति में भीतर आपस में कोई, किसी को भी सम्मान नहीं देता, और आम आदमी भी राजनेताओं को कोई बहुत ज्यादा आदर की निगाह से नहीं देखता। लेकिन यह भी सच है कि मलबार हिल के भाजपा विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा को, राजनीति में तो खासा सम्मान हासिल है ही, समाज भी उनको अपना गौरव मानता है। राजनीति और समाज, दोनों ही क्षैत्रों में, मंगल प्रभात लोढ़ा का नाम काफी सम्मान के साथ लिया जाता है। उसकी कई सारी वजहें हैं। छवि के मामले में भी मंगल प्रभात लोढ़ा बाकी लोगों के मामले में काफी आगे हैं। राजनीति और समाज, दोनों में उन्हें एक जुझारू और काम करने वाले व्यक्ति के रूप में देखा जाता है।
राजनीति में इज्जत पाना बहुत मुश्किल होता है। और समाज में अपनी जगह बनाकर, उस अर्जित किए हुए गौरव को बनाए रखना तो और भी मुश्किल काम होता है। पर मंगल प्रभात लोढ़ा ने राजनीति में पूरी ईमानदारी के साथ रहते हुए, सच्चाई के साथ जो मेहनत की। साथ ही धर्म और समाज के हित है पूरी लगन के साथ जो काम किए, उन्हीं वजहों से वे सारी मुश्किलों पर आसानी से पार पाने में सफल रहे हैं। राजनीति में रहने वाले ज्यादातर लोग बोलते तो हैं, मगर काम नहीं करते। पर, मंगल प्रभात लोढ़ा कहते हैं कि ‘मै बोलता नहीं, करके दिखाता हूं।‘ विधान सभा में बैठकर, आम विधायकों की तरह अपने इलाके के विकास के वे सारे काम तो उन्होंने किए ही हैं। लेकिन बड़ा काम करने वाले अच्छे विधायक के रूप में जब महाराष्ट्र के राजनेताओं की सूची बनती है, तो मंगल प्रभात लोढ़ा का नाम उसमें सबसे ऊपर लिखा जाता है। क्योंकि उन्होंने महाराषट्र की विधानसभा में बैठकर राष्ट्रीय महत्व के ऐसे काम करके दिखाए जो दिल्ली में बैठे लोग भी सालों की कोशिशों के बावजूद नहीं कर पाए। ‘बोलता नहीं, करके दिखाता हूं‘ की अपनी इसी शैली पर उन्होंने जो कुछ करके दिखाया, उसमें राष्ट्रीय स्तर का सबसे बड़ा काम आरटीआई, यानी राइट टू इन्फॉर्मेशन का है। ये जो भ्रष्ट राजनेता और अफसर, आज अगर आप और हमसे बहुत ज्यादा डरने लगे हैं, तो वह आरटीआई ही है। जो, अब भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है। बहुत कम लोग जानते हैं कि आरटीआई के बारे में देश की किसी भी विधानसभा में सबसे पहला बिल मंगल प्रभात लोढ़ा ने ही पेश किया था। आरटीआई के बारे में पहली बार उनको उस वक्त काफी निराशा हुई, जब अपनी ही सरकार होने के बावजूद, महाराष्ट्र विधानसभा में वे उस बिल को पास नहीं करवा पाए। मगर हिम्मत नहीं हारी, और पूरी तैयारी के साथ फिर विधानसभा में आरटीआई बिल पेश किया, उसे पास करवाया और देश में आरटीआई कानून बनवाकर ही दम लिया। इसी तरह, गोवंश वध के खिलाफ भी कानून बनवाने की विधायक लोढ़ा की कोशिशें जग जाहिर है।
राजनीति को आप और हम दलदल कहते हैं। जिसे भी देखिए, हर राजनेता भ्रष्टाचार में गले तक डूबा हुआ है। लेकिन ऐसे दलदल के बीचों बीच रहकर सक्रिय राजनीति करते हुए भी मंगल प्रभात लोढ़ा ने अपने दामन पर कोई दाग नहीं लगने दिया। राजनीति में जब उतरे थे, तो वे यह प्रण लेकर उतरे थे, कि चाहे कुछ भी हो जाए, भ्रष्ट नहीं होउंगा और आम आदमी के हक के लिए लडूंगा। साथ ही अपने धर्म पर अटल रहूंगा। दरअसल, वे आम राजनेताओं की तरह नहीं सोचते। वे एक विजन लेकर राजनीति में उतरे थे, और अपने आस पास के लोगों से यह कहकर उतरे थे कि जब उनको लगेगा कि राजनीति में रहकर सामाजिक कल्याण के कामों में मुश्किलें आ रही हैं तो, वे राजनीति से दूरी बना लेंगे। लेकिन, जो अपने धर्म पर अटल रहता है, उसे अपने उद्देश्य से कोई नहीं डिगा सकता। लोढ़ा को आज आम आदमी और समाज के हक में लड़ने वाले नेता के रूप में जाना जाता है। आप याद किजिए, पालीताणा के मंदिरों की मूर्तियों तोडने का मामला हो या पालीताणा की पवित्रता को बरकरार रखने की बात, या कुर्ला, मालाड़, और पायधुनी के शांतिनाथजी देरासर जैसे कई मंदिरों को बचाने का मामला हो, मंगल प्रभात लोढ़ा सबसे आगे रहे हैं, और काम करके दिखाया है। इसी तरह मीडिया में संतों की इज्जत उछालने की बात हो, या फिर मंदिरों को बचाने का मामला हो, समाज को एक करके सरकार से भिड़ने में लोढ़ा ने कोई कसर बाकी नहीं रखी। वैसे सरकार से भिड़कर आम जनता के हित में पैसला करवाने के मंगल प्रभात लोढ़ा के जो ताजा मामले हमारे सामने हैं, उनमें जेल भेज दिए गए एक मुमुक्षु को आजाद करवाने के लिए सरकार के खिलाफ लड़कर उसे झुकाने और बिड़ला जैसे देश के बड़े औद्योगिक घराने के खिलाफ लड़कर बंद कर दिए गए न्यू इरा स्कूल को फिर शुरू करवाने की जंग ने राष्ट्रीय स्तर पर काम करनेवाले फाइटर विधायक के रूप में लोढ़ा की पहचान को और मजबूती दी है।
मलबार हिल इलाके से तीन बार लगातार चुनाव जीतने के बाद विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर मैदान में उतारा हैं। लोग उनके साथ मजबूती से जुटे हुए हैं और काम करने वाले नेता की छवि है, इसलिए इलाके के लोगों का साथ भी उनको पूरा मिल रहा है। ‘बोलता नहीं, करके दिखाता हूं’, की शैली पर काम करने वाले मंगल प्रभात लोढ़ा को आप जैसे अच्छे लोगों का भी अब तक पूरा साथ मिलता रहा है। आपने भले हैं, और हमेशा से आपने भले लोगों का ही साथ दिया हैं और मंगल प्रभात लोढ़ा भले आदमी हैं, यह आप और हम सारे लोग अच्छी तरह जानते हैं। पर, राजनीति में अच्छे और भले लोगों को अपना रास्ता बनाने में मुश्किलें भी बहुत आती हैं, और कोई अगर अपना रास्ता ठीक ठाक बना ले, तो राजनीति में उस पर कांटे बिछाने वालों की भी कोई कमी नहीं होती। पर, आप अगर साथ रहेंगे, तो कांटों भरा यह रास्ता भी आसान हो जाएगा। यह कोई दंभ नहीं, बलिक विनम्रता पूर्वक सच बात है कि तीन चुनावों में तो राजनीति में मंगल प्रभात लोढ़ा का सामना करना किसी के लिए आसान नहीं रहा, और आप अगर साथ रहेंगे, तो इस बार भी उनका सामना, कोई नहीं कर पाएगा।